73वें एवं 74वें संविधान संशोधन द्वारा भारत सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण एवं सुशासन हेतु ग्रामीण व शहरी विकास की योजनाएं स्थानीय स्तर पर जनता की आवश्यकताओं एवं आंकाक्षाओं के अनुरूप वार्ड सभा/ग्राम सभा स्तर से तैयार किये जाने के निर्देश जारी किये गये है। ग्राम पंचायत विकास योजना निर्माण में समुदाय की पूर्ण जनसहभागिता सुनिश्चित करते हुए केन्द्र एवं राज्य से प्राप्त राशि के आधार पर वार्षिक जिला योजना तैयार की जाती है, जो ग्राम सभा/पंचायत समिति की साधारण सभा एवं जिला आयोजना समिति के अनुमोदन उपरांत योजना के कार्यो को पंचायती राज संस्थाओं द्वारा क्रियान्वित किया जाता है।
वार्षिक जिला योजना 2019-20 के निर्माण की प्रक्रिया राज्य के आयोजना विभाग द्वारा सेक्टरवार Scheme Outlays उपलब्ध करवाये जाने के उपरान्त शुरू की जावेगी। इस प्रक्रिया के तहत आयोजना विभाग द्वारा उपलब्ध करवाये गये सेक्टरवार Scheme Outlays के जिलेवार आवंटन हेतु विभाग स्तर पर संबंधित सेक्टर/विभागों के साथ बैठकों का आयोजन किया जाता है। तत्पश्चात् Scheme Outlays का जिलेवार आवंटन कर जिलों को प्रेषित किया जाता है। जिलों द्वारा योजनान्तर्गत उपलब्ध होने वाले Scheme Outlays को दृष्टिगत रखते हुए जिलें की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप वार्ड सभा/ग्राम सभा से प्रस्ताव प्राप्त कर पंचायत समिति स्तर पर सम्बन्धित विभागों के ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा तकनीकी परीक्षण किया जाकर जिलों को प्रेषित किये जाते है। तत्पश्चात् मुख्य आयोजना अधिकारी द्वारा प्लान को जिला आयोजना समिति से अनुमोदन करवाया जाकर कार्यो का क्रियान्वयन किया जाता है, जिनकी त्रैमासिक आधार पर जिला आयोजना समिति द्वारा समीक्षा की जाती है।